बुद्धि लब्धि से बालक के व्यक्ति की सामान्य योग्यता के विकास की गति मालूम पड़ती है ।
कोल एवं ब्रूस के अनुसार बुद्धि लब्धि से यह ज्ञात होता है कि बालक के व्यक्ति की सामान योग्यता के विकास की गति कैसी है ।
कोल एवं ब्रूस के अनुसार बुद्धि लब्धि से ज्ञात होता है कि बालक की मानसिक योग्यता में किस गति से विकास हो रहा है ।
मानसिक आयु ज्ञात करने का विचार प्रारंभ करने का श्रेय विने को है रमन ने उसके विचार को स्वीकार कर परीक्षण किए और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मानसिक आयु बालक के मानसिक विकास की बुद्धि के बारे में नहीं बता सकती है इस गति को मालूम करने के लिए उसने बुद्धि लब्धि निकालने का सूत्र दिया जो इस प्रकार है
बुद्धि लब्धि=मानसिक आयु/वास्तविक आयु×100
बुद्धि-लव्धि बुद्धि का प्रकार
140से अधिक प्रतिभाशाली
120-140 अतिश्रेष्ठ बुद्धि
110-120 श्रेष्ठ बुद्धि
90-110 सामान्य बुद्धि
80-90 मंदबुद्धि
70-80 क्षीण बुद्धि
70से कम। निश्चित क्षीण बुद्धि
50-70 अल्प बुद्धि
20या 25-50 मूर्ख बुद्धि
20या 25 से कम। महामूर्ख
बुद्धि परीक्षाओं को समान रूप से 2 वर्ग में विभाजित किया जाता है
1-वैयक्तिक बुद्धि परीक्षा -यह परीक्षा एक समय मे एक व्यक्ति की ली जाती है
2-सामूहिक बुद्धि परीक्षा -यह परीक्षा एक समय मे अनेक व्यक्तियो की ली जाती हैं।
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