विशिष्ट बालक से तात्पर्य उन बालकों से है जो सामान्य बालकों से शारीरिक मानसिक संवेगात्मक तथा सामाजिक लक्षणों से इतने अधिक दिन होते हैं कि उनकी योग्यता के अनुसार उनके अधिकतम विकास के लिए विशेष सामाजिक एवं शैक्षिक सेवाओं की आवश्यकता होती है।
क्रिक के अनुसार "विशिष्ट बालक वह है जो सामान्य अथवा औसत बालक से मानसिक शारीरिक तथा सामाजिक विशेषताओं में इतना अधिक भिन्न है कि वह विद्यालय व्यवस्थाओं से संशोधन अथवा विशेष सेवाएं अथवा पूरक शिक्षण चाहता है जिससे वह अपनी अधिकतम क्षमता का विकास कर सकें"
विशिष्ट बालकों की विशेषताएं
विशिष्ट बालकों की प्रमुख विशेषताएं निम्न है
1-विशिष्ट बालकों के लक्षण गुण सामान्य बालकों से भिन्न होते है।
2-एक विशिष्ट बालक वह है जो सामान शिक्षा कक्ष तथा सामान्य शिक्षा कार्यक्रमों से पूर्णता लाभान्वित नहीं हो सकता क्योंकि उसके विकास की सामर्थ्य अधिक होती है।
3- एक विशिष्ट बालक ,शारीरिक ,मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक तथा शैक्षणिक उपलब्धियों जैसे सभी धाराओं में सम्मिलित होता है।
4- यह उन बातों पर बालकों पर लागू होता है जो सामान्य बालकों से अलग होते हैं जिनकी स्मरणशक्ति अधिक हो।
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विशिष्ट बालक
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मेरा नाम "हेमवंत कुमार गौतम"है , इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य-सामान्य ज्ञान की जानकारी देना और बी.एड ,बीटीसी ,बी.एल.एड एवं टीईटी,सीटीईटी एंंव अन्य प्रतियोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी हेतु इस ब्लॉग पर पोस्ट लिखे जाते हैं।
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