बालक जन्म के समय बिल्कुल अज्ञान होता है जैसे जैसे वह समाज के अन्य व्यक्तियों तथा सामाजिक संस्थाओं के संपर्क में आकर विभिन्न प्रकार की सामाजिक क्रियाओं में भाग लेता रहता है वैसे वैसे वह अपने पार्श्विक प्रवृतियों पर नियंत्रण करते हुए सामाजिक आदर्शों तथा मूल्यों को सीखता रहता है इस को प्रभावित करने वाले तत्व निम्न हैं।
परिवार, पड़ोस ,स्कूल ,,बालक के साथी ,समुदाय ,धर्म आदि।
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बालकों का समाजीकरण करने वाले तत्व
Hello Friends,
मेरा नाम "हेमवंत कुमार गौतम"है , इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य-सामान्य ज्ञान की जानकारी देना और बी.एड ,बीटीसी ,बी.एल.एड एवं टीईटी,सीटीईटी एंंव अन्य प्रतियोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी हेतु इस ब्लॉग पर पोस्ट लिखे जाते हैं।
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